विनय विश्वा - कैमूर, भभुआ (बिहार)
जीवन-राग - कविता - विनय विश्वा
शुक्रवार, फ़रवरी 19, 2021
जीवन के कुछ सच
जो ना अपना है
सब एक सपना है।
आना और जाना
जीवन के सुख-दुःख
खेल-खिलौना
सब फूल यहाँ खिले
मुरझाए और धम से आकर
धरती को चूमें।
ये हैं फूलों की अपनी कहानी
अपना जीवन एक राग है रवानी।
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