मुझे बहुत प्यार करती है - कविता - अमित अग्रवाल

मुझको पाकर भी मुझको खोने से डरती है,
हाँ सच है वो मुझे बहुत प्यार करती है।

ख़ुद की परवाह भूल सिर्फ़ मेरे ही बारे में सोचा करती है,
हाँ सच है वो मुझे बहुत प्यार करती है।

अपनी समझदारी को रख सिरहाने मुझसे बच्चो की तरह लड़ती है,
हाँ सच है वो मुझे बहुत प्यार करती है।

करता हूँ जब उसकी परवाह तो बस उसके मुँह से पगलु पगलु निकलती है,
हाँ सच है वो मुझे बहुत प्यार करती है।

मासूमियत तो क्या बताऊँ उसकी बस मेरी ही तसवीर दिन रात देखा करती है
हाँ सच है वो मुझे बहुत प्यार करती है।

अमित अग्रवाल - जयपुर (राजस्थान)

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