रमेश चंद्र वाजपेयी - करैरा, शिवपुरी (मध्य प्रदेश)
कोसों दूर - कविता - रमेश चंद्र वाजपेयी
मंगलवार, जनवरी 19, 2021
मेरे गाँव का
रास्ता
कहीं सकरा
कहीं ऊँचा
कहीं कहीं
कंकड़ काँटे
और अद्रश्य
मोड़ जिन्हें
पार कर जाते है।
श्रम से
सरावोर
मजदूर
चौपाई गाता
ग्वाला
इन्ही मुस्कान मे
लोक गीत गाती
ग्राम बन्धुए
पर
सरकारी मुलाज़िम
और उनके बॉस
काग़ज़ पर
जीप से
दिखा देते है टूर।
और गाँव
का विकास
रह जाता है
कोसों दूर।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर