सौंप दो भार अब हम युवाओं पर,
कभी आँच न आने देंगे इस वतन पर,
नई-सी सोच नया-सा यह मुल्क होगा,
जहां के हर क्षेत्र में मेरा भारतीय होगा।।
चलेंगे फिर से महापुरुषों के कदमों पर,
विचारेंगे देश के तात्कालिक नए सदमों पर,
नई-सी आशाएं बेहतर भारत के सपने होंगे,
हर जाति, धर्म, सम्प्रदाय, के लोग अपने होंगे।।
करेंगे प्रहार कुरीतियों और भेदभावों पर,
बिछा देंगे भाव भाईचारे का हर दिलों पर,
हर बालिका में इन्दिरा, किरण जैसा शौर्य होगा,
हर युवाओं के दिल में विवेक, कलाम होगा।।
खुशियाँ खिलेगी हर किसान के गालों पर,
फक्र करेगा देश हर बाल-बालाओं के कार्यों पर,
दिखाएंगे जोश दुनिया को भारत के युवाओं का,
लहराएगा तिरंगा, मुस्कराएगा भारत हर कोने का।।
देवासी जगदीश - कोडका, जालोर (राजस्थान)