गुलशन हो गया गुलजार,
खिल गया आई बहार,
दिल के जुड़ गए जब तार,
छाया ये कैसा खुमार,
मेरा पहला पहला प्यार,
मेरा पहला पहला प्यार।
बज उठे दिल के सितार,
वीणा की मधुर झंकार,
साज सारे करे पुकार,
प्रेम को कर लो स्वीकार,
मेरा पहला पहला प्यार-2
सरिता जल की धवल धार,
गंगाजल सा पवित्र प्यार,
झरनों का बहना अपार,
महकता फूलों का हार,
मेरा पहला पहला प्यार-2
अल्फाजों का हो श्रंगार,
मन डोले नदिया के पार,
अंतर्मन से करे पुकार,
तुम ही जीवन तुम ही सार,
मेरा पहला पहला प्यार-2
अंदाजों में बेशूमार,
हर मुश्किल खा जाती मार,
हृदय निर्मल उच्च विचार,
गीता का लगता है सार,
मेरा पहला पहला प्यार-2
रमाकांत सोनी - झुंझुनू (राजस्थान)