मौत के हकदार - गीत - समुन्द्र सिंह पंवार

जो करते बच्चियों से बलात्कार।
       वे  हैं मौत  के हकदार।।

उनसे कैसी हमदर्दी,
जो हैं बेगैरत बेदर्दी,
जो करते इज्जत तार - तार।
      वे  हैं मौत  के हकदार।।

दो  सरेआम  उनको  सजा,
चखादो बलात्कार का मजा,
करे  जन - जन यही पुकार।
      वे  हैं मौत  के हकदार।।

हैं जितने वहशी दरिंदें,
ना रहने चाहिये जिन्दे,
दो तड़पा - तड़पा मार।
      वे  हैं मौत  के हकदार।।

करो जल्दी उनका निपटारा,
बसे सुख से देश हमारा,
हारा लिख - लिख ये पंवार।
      वे हैं मौत के हकदार।।

समुन्द्र सिंह पंवार - रोहतक (हरियाणा)

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