स्वतंत्रता दिवस - कविता - आलोक कौशिक

संग अपने हर्षोल्लास लेकर
पुनः स्वतंत्रता दिवस आया है
नमन उन वीरों को जिनके कारण
हमने स्वतंत्र भारत पाया है

जिनके शौर्य से परतंत्रता हारी
स्वतंत्रता का हुआ था आगमन
स्मरण करें उनके बलिदानों को
देश के अमर जवानों को नमन

भक्ति करें अपनी मातृभूमि की
उर में देशप्रेम की ज्योति जले
मानव जीवन देना जब भी प्रभु
भारतभूमि में ही जन्म मिले

आलोक कौशिक - बेगूसराय (बिहार)

Join Whatsapp Channel



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos