सीता हिय श्री राम है ,लखन लाल के राम ।
कौशल्या के राम वह कैकेयी के राम ।
सदा सत्य श्री राम है भरत भ्रात श्री राम।
विश्वमित्र के राम वह गुरु वशिष्ठ के राम।
गिद्धराज के राम वह जामवन्त के राम ।
सुग्रीवहि प्रिय राम हैं कपि रीछन के राम।
उनसा जग कौन हैं दसरथ हिय श्री राम।
हनुमत हिय मे राम है शबरी के श्री राम ।
शिव शंकर के प्राण वे जगदपिता श्री राम।
और अधिक अब क्या कहूँ भारत हिय श्री राम।
सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम , लखनऊ (उ०प्र०)