भारत हिय श्री राम - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला

राम हृदय शिव वास है शिव मे हैं श्री राम ।

सीता हिय श्री राम है ,लखन लाल के राम ।

कौशल्या के राम वह कैकेयी के राम ।

सदा सत्य श्री राम है भरत भ्रात  श्री राम।

विश्वमित्र के राम वह गुरु वशिष्ठ के राम।

गिद्धराज के राम वह  जामवन्त के राम ।

सुग्रीवहि प्रिय राम हैं कपि रीछन के राम।

उनसा जग  कौन हैं दसरथ हिय श्री राम।

हनुमत हिय मे राम है शबरी के श्री  राम ।

शिव शंकर के  प्राण वे जगदपिता श्री राम।

और अधिक अब क्या कहूँ भारत हिय श्री राम।

सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम , लखनऊ (उ०प्र०)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos