भारत माँ की गुहार - मुक्तक - बजरंगी लाल

जागो भारत के वीर सपूतों धरती तुम्हें पुकार रही,
मानचित्र में अब चीन नहीं हो घर-घर की यही पुकार रही।
इस पापी जिनपिंग को अब उसकी औकात दिखाना है,
उठो जवानों वीर सपूतों भारत माँ की यही गुहार रही।।

सुन चीन दुष्ट तूँ पापी है, हम अब तक तुझे रहे सहते,
सुधर जा तूँ मत कर कुकर्म हम रहे हमेंशा ही कहते।
पर हमने देखे तेरे कान पर अब तक जूँ भी नहीं रेंगे,
बहुत हो चुका मौन हमारा इतना भी हम नहीं सहते।।

जिनपिंग की छाती पर चढ़कर अब कर दो तुम बमबारी,
सत्य अहिंसा के पूजक हम कब तक सहेंगे लाचारी।
दिखा लिया तूँ रौब जो अब तक जितना तुझे दिखाना था,
घर में घुसकर मारेंगे हम नहीं चलेगी मक्कारी।।

जो गलवान में रक्त बहा उसका बदला अब ले लो तुम,
उठो जवानों वीर सपूतों चीन को धूल चटा दो तुम।
काश्मीर से कारगिल तक और कुमारी कन्या तक,
आर्यावर्त सा हिन्दुस्तान फिर से आज बना दो तुम।।

बजरंगी लाल - दीदारगंज, आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश)

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