मुंशी प्रेमचंद - कविता - सतीश श्रीवास्तव

ईदगाह सी लिखी कहानी और गबन गोदान,
दर्द लिखा है निर्धन जन का लेखक हुए महान।
प्रेमचंद की सभी कथाएं सुनी पढ़ी जाती हैं, 
बूढ़ी काकी कफ़न कामना सबको ही भाती हैं।
नशा स्वामिनी इस्तीफा भी हैं पुस्तक की शान,
दर्द लिखा है निर्धन जन का लेखक हुए महान।
मंदिर मस्जिद मंत्र आभूषण लिखा ईश्वरीय न्याय,
अलगोझा ज्योति लिखी और गरीब की हाय।
हाय निर्मला की संकट में फंसी रही है जान,
दर्द लिखा है निर्धन जन का लेखक हुए महान।
हलकू होरी धनिया जबरा और आत्माराम,
हामिद और अमीना सब ही करें प्रेम से काम।
बड़े भाई साहब तो देखो हैं भाई के प्राण,
दर्द लिखा है निर्धन जन का लेखक हुए महान।
मुंशी प्रेमचंद का सचमुच वृहद कथा संसार,
सुने पढ़े जाएंगे जब तक है गंगा में धार।
शब्द शब्द में प्रेमचंद हैं यही हमें है भान,
दर्द लिखा है निर्धन जन का लेखक हुए महान।


सतीश श्रीवास्तव - करैरा, शिवपुरी (मध्यप्रदेश)

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