जीवन संघर्ष - कविता - मधुस्मिता सेनापति

जिंदगी में दर्द होता है
लेकिन खुद को टूटने ना दो
कितना मुश्किल  क्यों ना आ जाए
मन को कभी बिखरने ना दो.....!!

संघर्ष के पथ में यदि
तुम हताश हो जाओगे
खुद को समेटने के लिए वक्त न मिलेगी
समय से पहले ही तुम बिखर जाओगे.......!!

जीवन में आए संघर्ष को जब
तुम स्वीकार कर लोगे
सफलता तुम्हारे कदमों में होगी
तब तुम निखरने लग जाओगे........!!

बिना गम के खुशी ही क्या है
बिना संघर्ष के सफलता भी  क्या है
जीना हो तो हर कोई जी रहा है इस दुनिया में
जीवन में बिखरना ही ना हो तो निखरना भी क्या है.......!!

मधुस्मिता सेनापति - भुवनेश्वर (ओडिशा)

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