समस्याओं को टालना बुद्धिमानी नहीं - लेख - शेखर कुमार रंजन

आज की भाग दौड़ के जीवन में भला ऐसा भी कोई हो सकता है कि जिसके पास कोई समस्या न हो। मेरा मानना है कि समस्या सबके पास होती है। मगर कोई छोटी समस्या पर चिंता करके बड़ी कर लेता है, तो कोई बड़ी समस्या को मुस्कुराते हुए सामना करता है। जीवन में बहुत सारी मुश्किलें होती हैं तनाव होते है। मैं यही कहना चाहूंगा कि यदि जीवन में कोई भी समस्याएं हैं तो उन समस्याओं पर सीधा कार्य करें। समस्या कितनी भी बड़ी क्यों न हो उसे हल करने के लिए संभावनाओं पर ईमानदार चिंतन करना चाहिये।

यदि आप भय, चिंता, दुविधा या टालमटोल की वजह से समाधान का ठोस निर्णय नहीं ले पा रहे हैं तो आप समस्या को बढ़ा रहे है। ऐसा करना आपके लिए बहुत घातक भी हो सकता है इसीलिए मेरी आपसे गुजारिश है कि वक्त रहते समस्याओं का समाधान कर लें। उपचार न होने पर समस्याएं हर रोज बड़ी होती जाती है और उसमें नये-नये डर जुड़ते जाता है जो आगे चलकर और भी तकलीफ़देह हो जाते हैं। कभी भी किसी भी प्रकार की समस्या हो तो उसका उपचार जल्द से जल्द करें, क्योंकि देर पीड़ादायक होती हैं।समस्याओं पर निर्णय नहीं करना भी एक बहुत बड़ी समस्या है। समस्या को टालना किसी भी प्रकार से बुद्धिमानी नहीं है। समस्या कहाँ से उत्पन्न हुई है उसके जड़ तक जाकर उसे खत्म कर देनी चाहिए।

आज से याद रहे कि जब भी हमें समस्याएं घेरकर प्रभावित करने की कोशिश करें तो हम कितनी जल्दी उससे उबर जाएँ यही कोशिश होनी चाहिए।हमें अपनी निजी समस्याओं को निजी ही रखना चाहिए उसे अनावश्यक सहानुभूति हासिल करने हेतु अन्य लोगों से शेयर नहीं करनी चाहिए क्योंकि कभी-कभी इसके विपरीत परिस्थितियां भी आ जाती हैं। इस बात पर मैं ध्यान केंद्रित कराना चाहूँगा कि जो समस्या नियंत्रण में नहीं है, उसे लेकर तनाव नहीं लेना चाहिये। कोई भी समस्या को टालेंगे नहीं उसे टालने की जगह संभावना पर चिंतन करके ठोस निर्णय लेंगे। इस बात को कदापि नहीं भूलेंगे की जिंदगी चिंता की वजह से चिता की ओर बढ़ रही होती है। इसलिए हमें चिन्ता नही करनी चाहिए क्योंकि चिंता से चतुराई घटती है। हमें हमेशा आनंदपूर्वक रहना चाहिए। आनंद का सबसे महत्वपूर्ण नियम है कि आप जिस क्षण में जहाँ हैं वहां शत प्रतिशत रहे आधा-अधूरा नहीं। यदि आप हमेशा खुश रहते हो, सकारात्मक सोचते हो, तनाव व निराशा से दूर रहते हो नकारात्मक विचारों से दूर रहते हो तो आप जल्द ही अपनी मंजिल प्राप्त कर लोगे क्योंकि सकारात्मक सोच का सकारात्मक परिणाम होता हैं।

शेखर कुमार रंजन - बेलसंड, सीतामढ़ी (बिहार)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos