संदेश
विधा/विषय "वृद्ध"
धरोहर - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
शुक्रवार, दिसंबर 04, 2020
हम सबके लिए हमारे बुजुर्ग धरोहर की तरह हैं, जिस तरह हम सब रीति रिवाजों, त्योहारों, परम्पराओं को सम्मान देते आ रहे हैं ठीक उसी तरह बुज…
चलो जीना सीखें - कविता - कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी
गुरुवार, अक्तूबर 15, 2020
चलो जीना सीखें उन्हीं से झुर्रियों भरे गालों से अधपके बालों से, अनुशासन के अनुभवों से चलो जीना सीखें उन्हीं से। ये खूबसूरत सांझ ढ़ली…
वृद्ध-जन-सेवा हो, जीवन अपना - कविता - दिनेश कुमार मिश्र "विकल"
शनिवार, मई 30, 2020
वृद्ध -जन- सेवा हो, जीवन अपना। सम्मान सदा हो , हैं जिनकी रचना।। समर्पित सेवा में,प्राण निछावर हों, अब चाहे दर्द भले ही हो कितना ।…