संदेश
विधा/विषय "रोटी"
रोटी - कविता - डॉ. कुमार विनोद
सोमवार, नवंबर 23, 2020
चेहरों पर उभरी, चिंता की रेखाएं कहती हैं आदमी के संघर्ष की गाथाएं रोटियों को पाने की ललक में ठहर जाता है वक्त। इज्जत के पानी और स्वाभि…
दो जून की रोटी - कविता - शेखर कुमार रंजन
मंगलवार, जून 02, 2020
भूख मिटाती रोटियाँ,दो जून की ये रोटियाँ भूखे अपने थाली में, देख खुश हो जाती रोटियाँ गरीबों के थाली में प्याज सजे और रोटियाँ जब-ज…