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विधा/विषय "चिड़िया"
उड़ गई गौरैया - कविता - सुशील शर्मा
बुधवार, मार्च 20, 2024
आज गौरैया दिवस पर मैंने फिर से दी गौरैया को आवाज़ नहीं बोली घर के आँगन मुंडेरों पर चुपके से फुदक कर निकल गई पंख फुलाए जैसे ग़ुस्स…
चिरैया - कविता - सिद्धार्थ गोरखपुरी
गुरुवार, अप्रैल 21, 2022
कोयल भी शहर की हो ली अब गाँव में बोले न बोली पर पेड़ नहीं शहरों में क्या ले ली है कोई खोली। अब गाँव में कम हैं गवैया आँगन में नहीं गौरै…
चिड़िया रानी - कविता - प्रवीण
मंगलवार, सितंबर 07, 2021
चिड़िया रानी बड़ी सयानी, मोह माया सब इसने जानी। पंख फैलाए फुर हो जाती, यह कभी ना हाथ में आती। सुबह-सुबह यह जब है आती, सब के दिल को बहल…