भगवान बुद्ध - कविता - संजय राजभर 'समित'

भगवान बुद्ध - कविता - संजय राजभर 'समित' | Hindi Kavita - Bhagwan Buddha - Sanjay Rajbhar Samit | Hindi Poem On Lord Buddha. भगवान बुद्ध पर कविता
मैं टूटा हुआ हूॅं
मानवता के तमाम टुकड़े हैं
एक टुकड़ा तू भी उठा ले
हर टुकड़ा!
कुछ न कुछ कहता है
आइना दिखाता है,
मैं पारस नहीं हूॅं
पर हाॅं!
जिसने-जिसने भी सानिध्य पाया
निखर गया
आनंद के सागर में डूब गया
बुद्धत्व को प्राप्त हुआ।


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