मौन का भी अर्थ है - कविता - श्वेता चौहान 'समेकन'

मौन का भी अर्थ है - कविता - श्वेता चौहान 'समेकन' | Hindi Kavita - Maun Ka Bhi Arth Hai - Shweta Chauhan. Hindi Poem on Silence | मौन पर कविता
मौन का भी अर्थ है।
ग़र समझ तुम जाओगे।
शब्द से मौन का,
निहितार्थ अधिक पाओगे।
बात करती है नज़र भी,
इनसे भी संवाद हो।
चाहते नहीं अधर अब
हमसे कोई विवाद हो।
बात से, साथ की,
अब न कोई बात हो।
हाथ थामें संग चलो,
साथ हो तो साथ दो।
मूक का वाचाल से
ग़र वार्तालाप हो।
शांति से शत्रु का
अभिमान भी परास्त हो।
चुप रहें, कम कहें,
मन जब उदास हो।
आपकी पीड़ा है।
आप ही से आस लो।
निंदकों की निंदा को
झुक कर मान दो।
अपमान की गुंजार को
मौन से सम्मान दो।
मौन का भी अर्थ है।
ग़र समझ तुम जाओगे।
शब्द से मौन का,
निहितार्थ अधिक पाओगे।


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