विश्वास रखो मैं लौटूँगा - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
मंगलवार, फ़रवरी 06, 2024
रोना मत सजनी विरही बन, विश्वास रखो मैं लौटूँगा।
सुन लो पुकार तुम सीमा पर, सीमांत विजय कर लौटूँगा।
भारत पड़ोस सुन लो गर्जन, प्रिय सिंहनाद कर लौटूँगा।
बस अरिमर्दन अमरत्व सुयश, दुर्दांत विजय कर लौटूँगा।
मेरा देश सन्त से पावन, जग शांति राष्ट्र बन लौटूँगा।
बलिदानों का गौरव भारत, मैं परमवीर बन लौटूँगा।
स्वाभिमान राष्ट्र मानव दर्शन, परमार्थ राष्ट्र पथ लौटूँगा।
अर्पण भारत तन मन जीवन, विजयी शहीद बन लौटूँगा।
घनघोर अँधेरा सीमा चहुँ, अरुणाभ गगन बन लौटूँगा।
विश्वास रखो हमदम मुझपर, सुनहर अतीत बन लौटूँगा।
आन बान शान हिन्दुस्तान, बलिदान मान बन लौटूँगा।
मुस्काना सजनी शौर्य अमर, गुलज़ार वतन कर लौटूँगा।
कर बिदा सजन रक्षण भारत, अरमान सफल कर लौटूँगा।
दे भाल तिलक बन्दूक नाल, सरताज वतन बन लौटूँगा।
हर जख़म सितम सहना सब ग़म, परवाज़ वतन बन लौटूँगा।
शंखनाद विषम हुंकार समर, जाँबाज़ अमर बन लौटूँगा।
आज़ादी शौर्य धरोहर यश, तिरंगा रक्षा कर लौटूँगा।
हिमाद्रि शिखर सियाचिन लेह, लद्दाख विजय कर लौटूँगा।
बस शोक नहीं करना जीवन, गणतंत्र मुदित कर लौटूँगा।
सार्वभौम राष्ट्र चहुँ शान्ति दीप, आलोक विजय ले लौटूँगा।
दो साथ प्रिये बन संजीवन, शृंगार राष्ट्र कर लौटूँगा।
कुछ मिले वक्त दुर्लभ जीवन, जयगान राष्ट्र कर लौटूँगा।
बस प्रेम दुआ तो सजनी तुम, माँ लाज बचाकर लौटूँगा।
नाथुला तिब्बत तिरंगा ध्वज, लहरा अरुणाचल लौटूँगा।
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