तेल की कमी में बाती - कविता - रोहित सैनी

तेल की कमी में बाती - कविता - रोहित सैनी | Hindi Kavita - Tel Ki Kami Mein Baati - Rohit Saini. रिश्तों पर कविता
जैसे मौत आती है; और...
"है" का "था" हो जाता है!
दीप आँधियों में एकदम से बुझ जाते हैं!

तेल की कमी में बाती...
टिमटिमाती है कुछ देर; जीवित रहने की कोशिश की तरह!

दीपक हो, जीवन हो,
कोई रिश्ता हो!
आँधियों से कहीं अधिक...
तेल की कमी से बुझ जाता है।

रोहित सैनी - जयपुर, (राजस्थान)

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