मैं नारी हूँ - गीत - उमेश यादव

मैं नारी हूँ - गीत - उमेश यादव | Geet - Main Naaree Hoon - Umesh Yadav. नारी पर गीत
मैं नारी हूँ, मैं शक्ति हूँ , मैं देवी हूँ, अवतारी हूँ। 
अबला कभी समझ मत लेना, ज्वाला हूँ, चिंगारी हूँ॥ 

कल्याणी, भवानी, सीता भी मैं, गायत्री गंगा गीता भी मैं।
माँ हूँ तो कन्या भी हूँ मैं, भगिनी, बहु, परिणीता भी मैं॥ 
मुझको डरना मत सिखलाना, मैं दुर्गा हूँ, काली हूँ। 
अबला कभी समझ मत लेना, ज्वाला हूँ, चिंगारी हूँ॥ 

सहनशक्ति माँ धरती जैसी, सागर सी गहराई मुझमें। 
अम्बर सा असीम अथाह मैं, हिमनग सी ऊँचाई मुझमें॥ 
प्रलय के झंझावातों में भी, शीतलता हूँ, फुलवारी हूँ। 
अबला कभी समझ मत लेना, ज्वाला हूँ, चिंगारी हूँ॥ 

कारक हूँ में हर महान में, मैं हूँ स्वर संगीत गान में। 
मैं हूँ संस्कृति के उत्थान में, हूँ विकास के हर अभियान में॥ 
सबका हित करती औरत हूँ, सहचरी हूँ, दुलारी हूँ। 
अबला कभी समझ मत लेना, ज्वाला हूँ, चिंगारी हूँ॥ 

रण में हूँ मैं, धन में हूँ मैं, कला, कौशल, विज्ञान में हूँ। 
अभिनय में हूँ, खेल में भी मैं, तकनीकी अभियान में हूँ॥ 
नहीं किसी की दुश्मन हूँ मैं, हर दुश्मन पर भारी हूँ। 
अबला कभी समझ मत लेना, ज्वाला हूँ, चिंगारी हूँ॥ 

रेगिस्तान में झरना हूँ, दरिया की बहती पानी हूँ। 
मैं सृष्टि सृजन की गाथा हूँ, जीवन की पूर्ण कहानी हूँ॥ 
नहीं किसी की दुश्मन हूँ मैं, हर दुश्मन पर भारी हूँ।
अबला कभी समझ मत लेना, ज्वाला हूँ, चिंगारी हूँ॥ 

उमेश यादव - शांतिकुंज, हरिद्वार (उत्तराखंड)

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