सारे जग से प्यारा भारत,
यह सतियों का देश महान।
उपजी जहाँ असंख्य शक्तियाँ,
परिचित हैं सब देश जहाँन॥
जहाँ जान दी पद्मिनियों ने,
कर्म न था इतना आसान।
होता जहाँ मान सतियों का,
वह भारत की भूमि महान॥
देश प्रेम हित हुई समर्पण,
ना जग रहा कभी अंजान।
अश्रु छलक जाते नयनों से,
हैं उनका हम पर अहसान॥
वतन निराला मेरा भारत,
वतन पे है मुझको अभिमान।
इस पावन धरती पर मेरी,
सौ-सौ बार है जा क़ुर्बान॥
राहुल सिंह 'शाहावादी' - जनपद, हरदोई (उत्तर प्रदेश)