साथ मुश्किल में भला कौन दिया करता है - ग़ज़ल - सुशील कुमार

अरकान : फ़ाइलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन
तक़ती : 2122  1122 1122 22 

साथ मुश्किल में भला कौन दिया करता है, 
ज़ख़्म भर जाए यहाँ कौन दुआ करता है। 

प्यार करते हैं सभी लोग यहाँ मतलब से, 
बाद मतलब के कहा प्यार हुआ करता है। 

बेवफ़ा राह अगर आज हमने बदली तो, 
तोड़ कर दिल मेरा दिलदार रहा करता है। 

वस्ल की चाह में नफ़रत को लिया पी जिसने, 
हिज्र की रात वही जाम पिया करता है। 

चाह में और बाॅंह में है रहता और कोई, 
आज कल कौन भला दिल से वफ़ा करता है। 

वक़्त के हाथ में सिमटी है ये दुनिया सारी, 
कौन तक़दीर 'सुशील' ख़ुद से लिखा करता है। 


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