पाऊँगा लक्ष्य - हाइकु - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'

पाऊँगा लक्ष्य
बाधाओं को चुनौती
दृढ़ संकल्प।

पत्नी जीवन
जैसे रेगिस्तान में
नखलिस्तान।

अर्द्धांगिनी है
जलती दीपशिखा
जीवन-पथ।

कवि जीवन
करुणा का संगीत
अर्थ विहीन।

क्रौंच कराह
सर्जना राम कथा
कवि वाल्मीकि।

शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' - फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)

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