हे सूर्य देव! - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला

हे सूर्य देव! हे ज्योतिपुंज!
तमतोम मिटा दो जीवन का। 

ज्योतिर्मय राहें दिखला दो,
दुःख क्लेश मिटा दो जीवन का।

तुमसे ही है ये जग निरोग,
तुमसे ही फ़सलें हरियाली।

हे महाप्रभू! तुम दया करो,
हर घाव मिटा दो जीवन का।

स्वर्णिम प्रकाशमय जीवन दो,
संताप मिटा दो जीवन का।

हे मार्तंड आदित्य देव!
नैराश्य मिटा दो जीवन का।

उत्साह कभी ना कम होवे,
ना कभी पराजय हो प्रभुवर।

आशा की किरणें बिखरा दो,
हर दर्द मिटा दो जीवन का।

सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

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