राजू श्रीवास्तव : विनम्र श्रद्धांजलि - कविता - आर॰ सी॰ यादव

देकर हँसी हर जन को तुम,
आसमानी हो गए‌ हो।
छोड़कर तुम इस जहाँ को,
उस जहाँ के हो गए हो॥

अश्रुपूरित नेत्र सबके,
सब विकल, व्याकुल हृदय हैं।
वेदना संतृप्त मन है,
हो गए सूना निलय हैं॥

श्रद्धा सुमन तुमको है अर्पण,
आसमाँ में खो गए हो।
बाँटकर ख़ुशियाँ जहाँ में,
ख़ुद धरा पर सो गए हो॥

आर॰ सी॰ यादव - जौनपुर (उत्तर प्रदेश)

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