स्वाभाविक है
उन शब्दों का विकसित होना
जिसके मूल में कविताएँ जन्म लेती है,
कविता जीवन है
या जीवन कविता है,
जिसके अन्तस में कवि ख़ुद को रचनात्मक बनाता है।
दो पंक्तियों के बीच का मौन है कविता।
कवि के हृदय की पीड़ा है कविता।
रत्नाकर से वाल्मीकि बनने का सफ़र है कविता।
इमरान खान - नत्थू पूरा (दिल्ली)