जीने दे सौ सौ जनम - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला

अपने दिल से लगा ले सनम ओ सनम।
मेहरबाँ मुझपे कर अब तो थोड़ा रहम।
आज जी भर के जीने दे सौ सौ जनम।
आज जी भर के जीने दे सौ सौ जनम।

कितना घायल हूँ मैं कितना तड़पा हूँ मैं,
प्यार सदियों पुराना ज़ेहन में छिपा 
लम्हा लम्हा सनम तुझको तरसा हूँ मैं।

अब तो ना मुझपे ढा इतने ज़ुल्मो सितम,
अपने दिल से लगा ले सनम ओ सनम।
आज जी भर के जीने दे सौ सौ जनम।

गंगा जल जैसा जानम मेरा प्यार है,
तेरी बाहों में मरने का इक़रार है।
साथ छोड़ूँगा ना तेरा सातों जनम,
अपने दिल से लगा ले सनम ओ सनम।
आज जी भर के...

रूह प्यासी है मेरी  तेरे प्यार की,
बात करना नही कोई इनकार की।
मेरे ख़्वाबों की मलिका कर कुछ करम।
अपने दिल से लगा ले...
आज जी भर के जीने दे...

सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

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