किताबें और विद्यार्थी - कविता - शिवचरण सदाबहार

किताबें ही तेरा शृंगार है विद्यार्थी, 
किताबें ही तेरा प्यार है विद्यार्थी। 

किसी को साथी ना बना अकेला ही चल, 
किताबें ही तेरी यार है विद्यार्थी। 

इन्हीं में छुपा है तेरा लक्ष्य खोज उसे, 
किताबें ही तेरी सफलता का मार्ग है विद्यार्थी। 

आदमी से इंसान बनने तक का सफ़र है इनमें, 
किताबें ही तेरे चरित्र का निर्माण है विद्यार्थी। 

गुण, दोष, सत्य, अहिंसा सब इनमें, 
किताबें ही तेरा संस्कार है विद्यार्थी। 

इन्हीं में है दुनिया भर का ज्ञान, 
किताबें ही तेरा संसार है विद्यार्थी। 

इन्हीं में विराजती है माँ शारदा 'शिवचरण', 
किताबें ही तेरा करतार है विद्यार्थी। 

शिवचरण सदाबहार - सवाई माधोपुर (राजस्थान)

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