भारत माँ की तुम हो शान - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"

सिसोदिया राजवंश के राजा, भारत माँ की तुम हो शान।
राणा सांगा के पोते तुम, उदय सिंह के पुत्र महान।।
सकुशल योद्धा भारत के तुम, बहादुरी के परम मिसाल।
वीर महाराणा प्रताप तुम, जयवंताबाई के लाल।।
वीर-पुत्र पाकर तुझ जैसा, धन्य-धन्य है राजस्थान।
सिसोदिया राजवंश के राजा...।।

देशभक्त तुम, शौर्यवान तुम, मातृभक्त दृढ़, शिष्ट उदार।
थर-थर शत्रु काँप थे जाते, जब तुम भरते थे हुंकार।।
तेज सूर्य का फीका पड़ता, उन्नत करते जब तुम माथ।
अंबर भी नीचे झुक जाता, देख तुझे सेना के साथ।।
तुझसे गर्वित देश हमारा, गाए तेरा ही गुणगान।
सिसोदिया राजवंश के राजा...।।

मुग़लों से टक्कर ली तुमने, कभी नहीं मानी यूँ हार।
किए प्रबल युद्ध वीरता से, चमका कर अपनी तलवार।।
ग़द्दारों की कर दी तुमने, रण कौशल से खट्टे दाँत।
भारी-भरकम सेना पे तुम, करते रहे निरंतर घात।।
युद्ध किए हल्दीघाटी में, बरबस अपने सीना तान।
सिसोदिया राजवंश के राजा...।।

पराक्रमी घोड़ा था चेतक, जिसपर तुम करते थे नाज।
जिसकी एक छलाँग की करते, चर्चा सारा जग है आज।।
आवाज़ आज तक गूँज रही है, सुनो पहाड़ी के उस पार।
ग़ौर करो कोई बोल रहा है,- 'नीला घोड़ा रा असवार'।।
'खोड़ी इमली' लहर-लहर कर, गाती चेतक का जयगान।
सिसोदिया राजवंश के राजा...।।

जन्म-दिवस के शुभ अवसर पर, श्रद्धा मन में लिए अकूत।
आज प्रतिज्ञा हम लेते हैं, हे भारत के वीर सपूत।।
भारत माँ के आन-बान का, सदा रखेंगे हम सब ख़्याल।
दुश्मन आँख उठाए तो हम, बन जाएँगे उसके काल।
पड़े ज़रूरत अगर देश को, दे देंगे इसपर हम जान।।
सिसोदिया राजवंश के राजा...।।

डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी" - गिरिडीह (झारखण्ड)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos