हौसला - गीत - समुन्द्र सिंह पंवार

ना रहता सदा अँधेरा,
नित होता नया सवेरा,
नित होती है प्रभात, और नित बदल रहे हालात।
कर हौसले के साथ, अपनी ज़िंदगी की शुरुआत।।

क्या कहेंगें लोग,
सबसे बड़ा है यही रोग,
मत सुन लोगों की तु बात, करिए मेहनत दिन और रात।
कर हौसले के साथ, अपनी ज़िंदगी की शुरुआत।।

मत हार से घबराना,
तु मेहनत करते जाना,
रंग लाए तेरी खुभात, होगी खुशियों की बरसात।
कर हौसले के साथ, अपनी ज़िंदगी की शुरुआत।।

ये समुन्द्र सिंह का कहना,
तु आगे बढ़ते रहना,
लगे मंज़िल तेरे हाथ, होगी सफलता से मुलाक़ात।
कर हौसले के साथ, अपनी ज़िंदगी की शुरुआत।।

समुन्द्र सिंह पंवार - रोहतक (हरियाणा)

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