मिहिर! अथ कथा सुनाओ (भाग ५) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"

(५)
नागवंश किस काल, पसारे पाँव यहाँ पे?
सिंहवंश किस हाल, किए थे राज यहाँ पे?
पालवंश की बात, बताना हमें दिवाकर!
तुम किए दृष्टिपात, अंधयुग झारखण्ड पर।।

ह्वेनसांग किस काल, वनांचल में थे आए।
क्या उनको दिकपाल! यहाँ के कँटहल भाए?
अभिलेख प्राचीन, सतत गाथा बतलाए।
शासक तत्कालीन, विविध मंदिर बनवाए।

बम-बम भोलेनाथ, बजी कब थी बमकारा?
भक्त झुकाए माथ, किए कब शिव जयकारा?
घन-घन-घन आवाज, मंदिरों से कब आई?
कहाँ सजी नव साज,कालिका दुर्गा माई?

शक्तिपीठ निर्माण, किया था किसने बोलो?
माँगू नहीं प्रमाण, दिवाकर! लब तो खोलो।
रुद्र-शक्ति जयकार, हमें करना सिखलाओ।
ममता करे गुहार, मिहिर! अथ कथा सुनाओ।।

डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी" - गिरिडीह (झारखण्ड)

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