करवा चौथ - कविता - सुधीर श्रीवास्तव

मैनें अपने पति के लिए
करवा चौथ का व्रत रखा है,
हाथों में मेंहदी, पैरों में महावर
सुंदर परिधानों, आभूषणों से
खुद को खूब सजाया है।
हे चौथ मैय्या! तुम्हारी जय हो
माँ! हम पर कृपा करो
सदा सुहागिन रहने का वरदान दो
भूल चूक माफ करो,
मेरे पति के सदा स्वस्थ्य रहने का
हमें अनंत आशीर्वाद दो।
हे चंद्र देव! दर्शन दो
आपका दर्शन हो
तभी तो मैं आपको अर्घ्य दूंगी,
पूजन आरती करूँगी,
आपका आशीर्वाद लेकर
सभी बड़ों का आशीर्वाद लूंगी,
फिर पति के हाथों जल पीकर
व्रत समाप्त करूँगी,
अपने को सौभाग्यशाली मानूंगी।


सुधीर श्रीवास्तव - बड़गाँव, गोण्डा (उत्तर प्रदेश)


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