हरियाणा वो भूमि है जहाँ पर न सिर्फ स्वागत और अभिवादन के लिए राम-राम बोलते हैं अपितु सारी दुनिया में जहाँ जहाँ भगवान, ईश्वर इत्यादि शब्द प्रयोग होते हैं वहाँ पर हरियाणा में राम शब्द का प्रयोग किया जाता है।
जैसे दुनिया कहेगी - भगवान देख रहा है, ईश्वर न्याय करेगा, धर्मराज के द्वार जाना है इत्यादि।
लेकिन हरियाणा मे कहेंगे -
राम देखै है,
राम न्याय करेगा,
राम के घर जाना है,
राम से डर।
हरियाणा की कहावतें भी केवल राम से संबंधित है जैसे -
हिम्मती का राम हिमायती,
आंधे की मक्खी राम उड़ावै,
राम को राम नहीं कहता,
अपने को राम से बड़ा समझना।
हरियाणा में आकाश को भी राम कहते है और आराम को भी राम कहते है।
जैसे दुनिया कहेगी आराम से चल, आराम कर ले।
लेकिन हरियाणा में कहेंगे कि -
राम से चल, राम कर ले।
जब कही जाना हो तो गाड़ी मे बैठने के बाद दुनिया वाले कहते हैं कि "चलो"
लेकिन हरियाणा मे कहते है कि -
"चालन दो भाई लेके राम का नाम"
हरियाणा में बारिश को भी राम कहते है। जब बरसात होती है तो दुनिया वाले कहते हैं कि बूंदे आई थी, बहुत बारिश हूई इत्यादि।
लेकिन हरियाणा में कहते हैं कि राम आया था, बहोत राम बरसा भाई।
जब कोई किसी का हाल चाल पूछता है तो बाकी दुनिया मे कहते है कि सब बढिय़ा है इत्यादि।
लेकिन हरियाणा मे कहते हैं कि -
"राम राजी स" या "दया है राम की।"
हरियाणा मे गाँव को गाम कहते हैं और हरियाणवी कहावत है कि
"गाम राम होता है"
हरियाणा के कण-कण और शब्द-शब्द मे राम बसता है और मुझे गर्व है स्वयं के हरियाणवी होने पर।
राम-राम
समुन्द्र सिंह पंवार - रोहतक (हरियाणा)