बन जाता हैं गले का हार
रिश्ते की डोरी से बंध कर
बनता है यह संयुक्त परिवार.......
मुसीबत में खड़ा जो बनते हैं दीवार
हिम्मत हौसला हैं जो,
वह होता है हमारा परिवार
स्नेह और प्रेम जहां होती हैं आधार
वही तो प्रेम की भाषा है
जो कहलाता हैं संयुक्त परिवार......
अपनेपन की बगिया हैं
खुशहाली का है यह द्वार
जीवन भर की पूंजी हैं
एक सुखी संयुक्त परिवार........
परिवार के बिना अधूरा
लगता है यह संसार
जहाँ हमेशा मिलती हैं
आशीर्वाद का उपहार
वही कहलाता है संयुक्त परिवार......
जहाँ प्राप्त होती है
अनमोल प्यार
कई रिश्ते मिलकर
बनते हैं परिवार
जो निर्णय करती है
अच्छे जीवन का आधार
वही कहलाता हैं संयुक्त परिवार.......
मधुस्मिता सेनापति - भुवनेश्वर (ओडिशा)