जय बोल अयोध्या धाम की - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला

माँ भारती की आन का ।
वीरों के  बलिदान का ।

राम  मंदिर प्रतीक है , 
राष्ट्रीय स्वाभिमान का 

मान रखा राम जी ने  ,
न्याय के सम्मान का ।

प्रेम से  मंदिर बने अब  ,
महा  प्रभु श्री  राम का ।

विश्व पटल पर सम्मानित है ,
पावन  चरित्र श्री राम  का ।

ये राम  मंदिर चिन्ह है ,
इस  राष्ट्र  सम्मान  का ।

रूह  रूह मे  राम बसे हैं
धड़कन  में माँ  जानकी ।

चारों धाम  समाये जिसमें,
जय बोल अयोध्या धाम की ।

सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम , लखनऊ (उ०प्र०)

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