दो भगण दो गुरु - गीत - संजय राजभर "समित"

गीत लिखें लय प्यारा। 
    भारत    देश   हमारा।। 
         है  सबसे  यह   न्यारा। 
              भारत    देश    हमारा।।

जीवन पद्धति गाता, 
     भेद यही सुलझाता।
          हाथ लिए  इकतारा,
             गीत कहे  सम धारा। 

है जग में उजियारा।
भारत  देश  हमारा।।

पर्वत सागर भाता, 
   झील नदी लहराता। 
       पुष्प नवीन खिले हैं,
          मौसम साज मिले हैं। 

विश्व करे जयकारा। 
भारत  देश  हमारा।।

दर्शन ज्ञान जलाता,
   अमृत घोल पिलाता। 
        धैर्य सदा रख थाती,
           खूब जला चिर बाती। 

साथ चले सब नारा। 
भारत   देश  हमारा।।

संजय राजभर "समित" - वाराणसी (उत्तर प्रदेश)

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