अवध में राम आए हैं - गीत - अशोक योगी "शास्त्री"

हर्षित है सारा ही संसार
अवध  में   राम  आए हैं
अवध   में  राम  आए हैं
मेरे     भगवान   आए हैं।

काटकर सदियों का वनवास 
पुन:  सियाराम  आए  है ।

भरत  है  मिलने को आतुर
लखन संग हनुमान आए हैं ।

छवि  है  मनमोहन  वाली
सभी  के हिय में समाए है ।

सरयू  के  पावन  घाटों  ने
गीत   मंगल   के   गाए  हैं।

सजे हैं सारे घर और द्वार
देवों  ने  पुष्प  बरसाए  हैं ।

आज  मंदिर के मुहूर्त पर 
मोदी  संग  नाथ  आए  हैं।

उमंग में  नाच  रहे नर नार
प्रजा  ने   दीप   जलाए  हैं।

अशोक योगी "शास्त्री" - कालबा नारनौल (हरयाणा)

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