इतिहास रचो ऐ! सृजनकार - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला

ऐ! भावी भारत के नव कर्णधार।
ऐ! युवा  शक्ति नव सृजनकार।
तेरे कंधों पर है देखो ऋण अपार। 
है तुमसे ही आशा अब लगातार।
तुम ही हो  राष्ट्र धर्म के सूत्रधार।
इतिहास  रचो  ऐ!  सृजनकार।
है भारत माँ  की  यह पुकार।
तुमको पालन करने सारे संस्कार 
मां बहनों के रक्षक तुम होनहार।
पूर्ण करो अपनो के सपने हजार।
चुकता  कर दो  माँ का  दुलार।
गाथाएँ  लिख  दें  कलमकार।
ऐ! भावी भारत के नव कर्णधार।
ऐ !  युवा  शक्ति नव  सृजनकार।


सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम , लखनऊ (उ०प्र०)

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