मंनै तेरे तै प्यार होग्या - हरियाणवी ग़ज़ल - समुन्द्र सिंह पंवार

मंनै तेरे तै प्यार होग्या।
जीणा यो दुस्वार होग्या।।

भूल गया सुध - बुध मै तो,
जब तै तेरा दीदार होग्या।

तु दीखै तो चमक -चांदनी,
बिन तेरे अंधकार होग्या।

मेरी जान का दुश्मन तै यो,
बैरण तेरा सिंगार होग्या।

देख कै तेरी हुस्न - हवेली,
मेरा जिया बेकरार होग्या।

तेरी अदा का तीर मेरे,
दिल के आर - पार होग्या।

इब तो तुहे मेरी दुनिया सै,
और तुहे मेरा संसार होग्या।

तु भी होज्या मेरी इब तो,
सुण तेरा यो पँवार होग्या।

समुन्द्र सिंह पंवार - रोहतक (हरियाणा)

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