स्वागतम स्वागतम - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला

स्वागतम  स्वागतम  ,स्वागतम  स्वागतम ।
खिल  उठे  दिल,पड़े  आपके  जो  कदम ।
स्वागतम  स्वागतम , स्वागतम  स्वागतम ।
है  धरा  खिल  उठी , है  गगन  झूमता  ।
हर  डगर  झूमती  है  नगर झूमता ।
फूल   इतरा   उठे , मन  चमन  झूमता ।
पुष्प  के   हार  बेचैन,  हैं   खुद   सनम ।
खिल उठे दिल , पड़े आपके  जो कदम ।
स्वागतम स्वागतम,  स्वागतम स्वागतम ।
आप का  आज  आना ,बड़ी  बात  है  ।
आपके  शुभ  कदम ,एक  सौगात   है  ।
अब तो महफ़िल हंसीं हो गयी एक दम ।
खिल  उठे दिल पड़े आपके  जो कदम ।
स्वागतम  स्वागतम ,स्वागतम स्वागतम ।
दिल  प्रफुल्लित  हुआ आपके  प्यार  से ।
शुभ  मिलन के  सुखद एक उपकार  से ।
रूह  हर्षित  हुई  ,खुश  हुए मन  बदन ।
खिल उठे  दिल पड़े ,आपके जो कदम ।
जिंदगी का सफ़र आज सार्थक हुआ ।
आपका  जब  दरश पा गये आज हम ।
स्वागतम स्वागतम ,स्वागतम स्वागतम ।

सुषमा दीक्षित शुक्ला
राजाजीपुरम , लखनऊ (उ०प्र०)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos