शान्तिदूत कलम हूँ मैं - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"

अबाध   अविरल    संघर्षपथी, 
कलमकारों की कलम  हूँ    मैं।
सिरफ़िरा तिरष्कृत  अवसीदन,
दर्पण   सच   पैरोकार   हूँ   मैं। 

अहंकार     बदनाम   लबालब,
पारदर्शी     वाचाल    हूँ     मैं।
शोषित पीड़ित दीन मुखी नित,
नित न्यायी  पैरोकार    हूँ    मैं। 

लोकतंत्र  की     चौथी  आँखें , 
निर्भय  मुक्त   आवाज हूँ   मैं।
संप्रभुत्व    सह   राष्ट्र  एकता,
संवाहक     ब्रहमास्त्र   हूँ    मैं। 

हर  शहीद   की  गौरव  गाथा, 
काली कलम  तलवार  हूँ   मैं। 
परिवर्तन   आयाम  नया नित,
शिल्पी  देश  गतिमान  हूँ  मैं।

कलमकार नित साश्रु विनत हो ,
ज़मीरीयत   पहचान     हूँ    मैं।
नित ईमान का दृढ़  साक्ष्य  बन ,
शक्ति सबल कलमकार   हूँ  मैं।

यायावर  जागृति      आजादी,
औचित्य क्रान्ति ध्वजवाहक हूँ। 
स्वर्णिम     पन्ने   राष्ट्र   सुनहरे,  
पुरा शान्तिदूत   कलम  हूँ   मैं। 

डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" - नई दिल्ली

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