श्री राम कथा - गीत - समुन्दर सिंह पंवार


श्री राम कथा का करते हैं हम प्रेम से गुणगान
                               सुणियो रै धर कै ध्यान

अवधपुरी के राजा दशरथ औलाद बिन लाचार हुये
पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया था जिससे पुत्र चार हुये
राम ,लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न सूंदर और होनहार हुए
वैं अपनी बाल लीलाओं से सबका मन हर्षाण लगे
गुरु वशिष्ठ कै धोरै जाकै चारों विद्या पाण लगे
सीख लई विद्या सारी अस्त्र -शस्त्र चलाण लगे
एक रोज आये दरबार में, ले विश्वामित्र अरमान
श्री राम कथा का करते हैं हम प्रेम से गुणगान
                                 सुणियो रै धरकै ध्यान

राम ,लखन को अपने संग मै ले कै चाले तपधारी
तड़का मारी राम नै और अहिल्या जा वा पार तारी
सीता स्वयंवर की सुनकै करी जनकपुरी जाणे की तयारी
धनुष तोड़ कै राम नै फेर ब्याही जनकदुलारी जी
राजा जनक के घर मैं कन्या तीन और कंवारी जी
भरत, शत्रुघ्न, लक्ष्मण के संग करदी ब्याह की त्यारी जी
चारों बेटे ब्याह कै दशरथ खुश होंगे बेअनुमान
श्री राम कथा का करते हैं हम प्रेम से गुणगान
                              सुणियो रै धरकै ध्यान

फेर राम को राजा बनानें की दशरथ के मन में आई थी
दशरथ की ना पेश चली केकई नै राड़ जगाई थी
राम लखन के संग में बण में आई सिया माई थी
राम के वियोग में दशरथ नै दिये त्याग प्राण
हरी - भरी अयोध्या होगी पल में या शमशान
होणी बणी होण की खातिर घाल दिये घमशान
मोहन भोग खावण आले फल पाते लागे खाण
श्री राम कथा का करते हैं हम प्रेम से गुणगान
                              सुणियो रै धरकै ध्यान

पंचवटी तै रावण लेग्या सीता जी को हरकै नै
दोनों भाई टोहवन लागे जंगलां के म्हां फिरकै नै
मार दिया बाली यारी सुग्रीव तै कर कै नै
हनुमान नै जाकै फेर सिया का पता लगाया था
नल -नील नै राम सेतु सागर पै बणाया था
लंका के म्हां जाकै राम नै रावण मार गिराया था
करकै दर्शन श्री राम के आई सिया की जान मै जान
श्री राम कथा का करते हैं हम प्रेम से गुणगान
                                 सुणियो रै धरकै ध्यान

अग्नि परीक्षा ले कै पवित्र जनक की दुलारी करली
रहया नही संशय कोय अपणे मन की सारी करली
बैठ कै विमान में फिर अयोध्या की त्यारी करली
समुन्दर सिंह कहै अयोध्या में उस दिन मनी दिवाली जी
नाचै गावैं नर और नारी छागी थी खुशहाली जी
गुरु कमल सिंह की दया तै हमने राम कथा गा ली जी
इसको गाणे, सुनने से हो , सबका यो कल्याण
श्री राम कथा का करते हैं हम प्रेम से गुणगान


समुन्दर सिंह पंवार
रोहतक , हरियाणा
सम्पर्क सूत्र - 9812879328

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