मुस्कुराती जिंदगी है मुस्कुराया कीजिये - ग़ज़ल - प्रेम कुमार पाल


मुस्कुराती जिंदगी है मुस्कुराया कीजिये ।
मुस्कुराने का हुनर सबको बताया कीजिये ।

गर्दिशों का दौर भी इक रोज यूँ टल जायेगा, 
तुम दुखों का वक़्त भी हंसकर बिताया कीजिये ।

लोग दुःख मेँ आपके संग आएंगे वादा है ये, 
हर ख़ुशी मेँ आप उनको घर बुलाया कीजिये ।

कौन कहता है परिंदे अब नजर आते नहीं, 
आबो दाना आप छत पर तो गिराया कीजिये ।

जिंदगी की दौड़ में यह बेखुदी अच्छी नहीं, 
अच्छा है घर का समय घर मेँ बिताया कीजिये ।

घुट के सारी जिंदगी जीना यहाँ अच्छा नहीं, 
अपने दिल की बात अपनों को बताया कीजिये ।

सब तनावों को हमेशा दूर करने के लिए, 
सब बड़ों छोटों से खुलकर खिलखिलाया कीजिये ।

खुशदिली जिंदादिली ही जिंदगी का सार हो, 
जिंदगी का सार लब पर गुनगुनाया कीजिये ।

प्रेम है गर प्रेम से तो प्रेम की दो बात कर, 
प्यार है सच्ची इबादत मत छुपाया कीजिये ।


प्रेम कुमार पाल 
ग्राम ढबारसी, पोस्ट जिंदल नगर, जिला ग़ाज़ियाबाद

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