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विधा/विषय "सभ्यता"
एक घनी विकसित सभ्यता - कविता - इमरान खान
सोमवार, सितंबर 12, 2022
एक घनी विकसित सभ्यता थी। जिसका अंत हो गया दुनिया के नक़्शे से। जिसके जीवाश्म अभी भी उपलब्ध है इतिहास की पुस्तकों में। मैं उसी सभ्यता …
डूबती सभ्यता - कविता - अभिषेक अजनबी
शुक्रवार, जनवरी 08, 2021
कट रहे वृक्ष पंक्षी किधर जाएँगे। आसमाँ से ज़मी पर उतर आएँगे। अब अनारों से छिलके हटाओ नहीं, दाने दाने निकल कर बिखर जाएँगे। संस्कृति का ह…