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विधा/विषय "शुभकामना"
जन्मों-जन्मों तक - कविता - जितेंद्र रघुवंशी 'चाँद'
गुरुवार, मई 04, 2023
रहे जीवन में ऐसी हलचल, चाँद की तरह बढ़ता रहे पल पल। ना हो दुखों से कभी तेरा सामना, माँगूँ मैं तो रब से यही कामना। जन्मों-जन्मों तक जन्…