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विधा/विषय "बचपन"
अवसाद ग्रसित आहत बचपन - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
सोमवार, अक्तूबर 05, 2020
अवसाद ग्रसित आहत बचपन, आज़ाद वतन दुखार्त रुदन। रहती सत्ता सुखभोग मगन, जठरानल जल मर्माहत तन। पछताता शिशु क्रन्दित शैशव,…
बाल मजदूर - कविता - रवि शंकर साह
सोमवार, अक्तूबर 05, 2020
नन्हा - मुन्हा सा था मैं। नाजो से माँ ने ही पाला। माता पिता का राजदु लारा। नियति की ऐसी मार पड़ी। मैं हो गया अब अनाथ। कहते है अब सब हम…
बाल मन पर पड़ता प्रभाव - लेख - अंकुर सिंह
सोमवार, सितंबर 21, 2020
गाँधी जी की जयंती दो अक्टूबर करीब आने को है, किताब उठाया बापू की जीवनी पढ़ने लगा, पढ़ने पर पाया की मोहनदास नामक बालक बचपन में सत्यवादी र…
बचपन में जाने को जी चाहता हैं - कविता - शेखर कुमार रंजन
मंगलवार, जुलाई 28, 2020
बचपन में जाने को जी चाहता हैं, हुई जो गलतियाँ बचपन में मुझसे उसे जा सुधारने को जी चाहता हैं लिपटा रहता मैं माँ की आँचल में, …
बचपन का प्यार - कविता - बजरंगी लाल यादव
शनिवार, अप्रैल 25, 2020
दाखिला लिया पहली कक्षा में, हुआ स्कूल में आना जाना, फिर हुयी मुलाकात उससे बातों-बातों में दोस्ताना, फिर साथ में बैठना, साथ में…