सैय्यद शारिक़ 'अक्स' - शाहजहाँपुर (उत्तर प्रदेश)
मार डालेंगी हमें उनकी यही अठखेलियाँ - ग़ज़ल - सैय्यद शारिक़ 'अक्स'
शनिवार, अगस्त 17, 2024
अरकान : फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन फ़ाइलुन
तक़ती : 2122  2122  2122  212
मार डालेंगी हमें उनकी यही अठखेलियाँ,
उनका यूँ मिलना के रखना फ़ासले भी दरम्याँ।
फ़ैसला हो जाएगा बस आज मेरे ज़ब्त का,
साँसें टूटेगी मेरी या उनकी ये ख़ामोशियाँ।
सीने में दिल, दिल में तुम, तुम में हमारी जान है,
तुम नहीं तो कुछ नहीं दुनियाँ की ये रंगीनियाँ।
अपना अपना है मुक़द्दर देखिए इस इश्क़ में,
शुहरतें उनको मिली हमको मिली रुसवाइयाँ।
तूने ठुकरा के मुझे एक रास्ता भी दे दिया,
मैने रब की बन्दगी में काट दीं तनहाइयाँ।
हर घड़ी हुशियार रहना ज़िन्दगी में दोस्तों,
कर न दें बर्बाद तुमको वक़्त की तब्दीलियाँ।
'अक्स' दिल का दर्द उस दम ढलता है अशआर में,
ज़हन में चलती हैं जब भी फ़िक्र की पुरवाइयाँ।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर

