तुम्हारा साथ - कविता - योगेंद्र पांडेय

तुम्हारा साथ - कविता - योगेंद्र पांडेय | Hindi Kavita - Tumhara Saath - Yogendra Pandey. साथ पर प्रेम कविता
टूटते बिखरते सपनों को
संभालने के लिए
ज़रूरी है 
तुम्हारा साथ।
तुम रहोगे साथ मेरे
सह लेंगे हर दुख-सुख
रो लेंगे 
एक पल के लिए
तुम्हारे कंधे पे 
सर रख कर॥

योगेन्द्र पांडेय - सलेमपुर, देवरिया (उत्तर प्रदेश)

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