सतीश मापतपुरी - पटना (बिहार)
नया साल आ गया - गीत - सतीश मापतपुरी
मंगलवार, जनवरी 05, 2021
सारे शिकवे-गिले अब भुला दीजिए।
नया साल आ गया मुसकुरा दीजिए।
हर ख़ता माफ़ करने की रुत आ गयी।
हैं ख़फा जो उन्हें फिर मना लीजिए।
कीजिए कामना सबको अपने मिले।
सबकी आँखों को सुन्दर से सपने मिले।
दो दिलों में रहे ना कोई दूरियाँ।
इस तरह दिल से दिल को मिला लीजिए,
नया साल आ गया मुसकुरा दीजिए।
नए साल का हम यूँ स्वागत करें।
आओ सब भूल करके मुहब्बत करें।
नफरतों की दीवारें गिरा दीजिए।
नया साल आ गया मुसकुरा दीजिए।
सारी धरती पे खुशियों की बरसात हो।
ईद का दिन दिवाली की हर रात हो।
हमसे हमको ना कोई जुदा कर सके।
इस तरह हाथ अपने मिला लीजिए।
नया साल आ गया मुसकुरा दीजिए।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर