छब्बीस जनवरी आई,
छब्बीस जनवरी आई,
आई होठों पर मुस्कान,
खुशियों की बारिश लाई।
गणतंत्र दिवस आया,
मनाये देश अपना सारा,
लहराए तिरंगा शान,
छब्बीस जनवरी आई।
जन गण मन जन गाते,
माटी का तिलक लगाए,
जग में चाले सीना तान,
छब्बीस जनवरी आई।
लड़ी आजादी की लड़ाई,
वो वीर थे सारे सिपाही,
वतन पर दे गए अपनी जान,
छब्बीस जनवरी आई।
शिक्षा की अलख जगाकर,
अंधकार को दूर भगा कर,
बहायें देश प्रेम की धार,
छब्बीस जनवरी आई।
हम गीत वतन के गायें,
निर्बल को गले लगाए,
गाये वंदे मातरम गान,
छब्बीस जनवरी आई।
सद्भावों के फूल खिलाए,
खुशहाली जनजीवन लाए,
लाए जन मन उच्च विचार,
छब्बीस जनवरी आई।
रमाकांत सोनी - झुंझुनू (राजस्थान)